आरोग्य जगत पंसारीखाना ( घर पर बनी आयुर्वेदिक औषधियां)

कोई उत्पाद मंगाने हेतु WhatsApp करें : 9368895125 ( रीना दीदी )

Best Ayurvedic swadeshi Products

सहयोग राशि :

Rs.100/Bottle

मात्रा : 10 ML 

कूरियर चार्ज अलग से लगेगा

1.मैजिक आयल 

लाभ : यह जादुई तेल की सबसे बड़ी खासियत इसे सूँघने मात्र व धीरे धीरे सूँघने से असहनीय सिरदर्द,चक्कर आना, घबराहट, बेचैनी,बेहोशी,साँस लेने में कस्ट, उदासीपन,जी मिचलाना , किसी भी प्रकार के नशे के असर व शरीर के किसी भी हिस्से में हो रहे दर्द में 100% न सही तो कम से कम  अद्भुत राहत जरूर दिलाती है इसे जले के निशान में नारियल तेल में मिलाकर, दाद खाज खुजली के लिए घी या नारियल तेल में , चोट मोच सूजन पर हल्का गुनगुना कर या बिना गुनगुना किये,कट जाने पर लगाने से, दाँतदर्द में एक बूंद रुई में लगाकर या एक दो बूंद एक कप गुनगुने पानी में मिलाकर कुल्ला करने से , जोड़ो के दर्द, मांसपेशियों के दर्द में सीधे या गुनगुना लगा कर हल्की मालिस व सिकाई से पुर्णतः राहत व कुछ कस्टो को पूर्णरूप से नस्ट कर सकते हैं

बनाने की विधि : सभी गर्म मसालों (दालचीनी लौंग अदरक दालचीनी मेथी लहसुन कालीमिर्च किलौंजी अजवायन इत्यादि के तेल जो जो उपलब्ध हो साथ ही अमृत धारा, नीलगिरी,जजोबा,बादाम,बाकुची,चलमोगरा ,करंज,निम,चमेली,निर्गुन्डी,गमभारि यह सब बराबर व इन सबके बराबर सरसो तेल व अब इन सबके बराबर अरण्ड तेल इन सब का 10वाँ हिस्सा मालकांगनी व रतनजोत का तेल व अब टोटल का 20वाँ हिस्सा सरसो तेल का इसेंसीएल आयल

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सहयोग राशि :

Rs. 80/Bottle

मात्रा : 10 ML  

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2. अमृतधारा 

लाभ :किसी भी प्रकार का मास पेशियों का दर्द, चोट का दर्द दर्द बाली जगह पर लगाने से दर्द कुछ मिनटों में ही छूमंतर कर देती है और  बदलते मौसम , गर्मी की तपन , लु , धूल भरी हवाओं , खान – पान में गड़बड़ी के कारण सिरदर्द , उल्टी , अपच , हैजा , दस्त , बुखार , शरीर में दर्द , अजीर्ण जैसे रोग घेर लेते हैं । ऐसे में आयुर्वेदिक औषधि अमृतधारा इन रोगों में रामबाण की तरह सहायक हो सकती है । इस दवा की दो – चार बूढे एक कप सादे पानी में डालकर पीने मात्र से ही तुरन्त लाभ मिलता है । सिरदर्द हो , जहरीला ततैया काट ले तो इसे लगाते मात्र से ठीक हो जाता है । गले के दर्द व सूजन में गरारे करने पर तुरंत लाभ मिलता है । यह दवा पूरे परिवार के लिए लाभदायक है क्योंकि यह पूर्ण प्राकृतिक हैं ।

बनाने की विधि : पुदीना अजवायन सत व भीमसेनी कपूर, तीनो को बराबर मात्रा में मिलाने से औषधि बन जाती है । ये तीनों किसी भी आयुर्वेद की दुकान से उपलब्ध हो सकते हैं । एक काँच की शीशी में तीनों को सम मात्रा में मिलाकर ठण्डे स्थान पर रखें ।

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सहयोग राशि :

Rs. 200/Bottle

मात्रा : 150gram  

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3 . आयुर्वेदिक दत्त मंजन 

लाभ : दांतों और मसूड़ों को साफ और स्वस्थ रखता है साथ ही दांतों और मसूड़ों की हर बीमारी से छुटकारा दिलाता है.

प्रयोग की गई सामग्री : माजूफल , पीपली , लॉन्ग, काली मिर्च, नीला थोथा, सैंदा नमक, काला नमक, हल्दी, चिड़चिटा (अपामार्ग ), सोंठ, पुदीना और नीम की पत्तियों का चूर्ण

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सहयोग राशि :

Rs. 200/packet

मात्रा: 300gram  

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       4. घर पर शुद्ध सूर्यतापी गुलकन्द 
प्रयोग की गयी सामग्री : गुलाब की पंखुड़िया, मिश्री, प्रवाल पिष्टी , जावित्री सौंफ़, इलायची

लाभ : इस गुलकन्द का सेवन करने से दाह , पित्त दोष जलन , आन्तरिक गर्मी बढ़ना और कब्ज के विकार नष्ट होते हैं तथा मस्तिष्क को शान्ति पहँचती है । इसके सेवन से स्त्रियों के गर्भाशय की गर्मी नष्ट होकर आतव ( मासिक धर्म अधिक होना ) रोग दूर होता है । हथेलियों व तलुवों में जलन रहना , नेत्रों में जलन होना , गर्मी के कारण आँखें लाल रहना , पसीना अधिक आना , गर्मी के कारण त्वचा का रंग काला पड़ जाना तथा शरीर में गर्मी के दाने घमौरिया ( छोटी – छोटी दानेदार पिटिकायें ) होना इत्यादि विकारों में भी खूब लाभ होता है

प्रयोग करने का तरीका : 1-2 चम्मच रात को दूध के साथ लें  

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सहयोग राशि :

Rs. 450/packet

मात्रा: 50gram  

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5. रोमनाशक लेप
प्रयोग की गयी सामग्री :रोमनाशक लेप के घटक अपने आसपास पंसारी से 20 ग्राम शंख भस्म,10 ग्राम सज्जीखार,10ग्राम हरताल 5 ग्राम मैनसिल की मात्रा लेकर बारीक पाउडर मिक्स कर रख लें

लाभ : अनचाहे बालों को हमेशा के लिए आने से रोकता है 

प्रयोग करने का तरीका : रोमनाशक लेप के घटक शंखभस्म तो पाउडर रूप में उपलब्ध होगा बाकी शेष तीनो सज्जीखार हरताल मैनसिल को इमामदस्ते या मिक्सी ग्रन्डेर में बारीक पाउडर कर सभी को शंखभस्म के साथ एक जगह अच्छे से मिलाकर रखे व अनचाहे बालो को या शरीर के जिस जगह से हमेशा के लिए न आये उस जगह के बालों को अपनी सुविधानुसार उपलब्ध तरीके wax करके इसे हटा कर एक चम्मच यह पाउडर 4 से 6 चम्मच पानी मे घोलकर यह घोल उस जगह लगाये व कुछ देर 5 से 20 मिंट बाद सादे पानी से धो लें यह प्रक्रिया अगली बार बाल आने पर पुनः करें इस प्रकार 7 बार करने से वह स्थान निर्मूल हो जाता है अर्थात बाल आने जीवन भर के लिए बन्द हो जाता है जिनकी ग्रोथ ज्यादा तेजी व जल्दी से आता हो वो बाल हटाने के बाद रोज लगाएं एक बार जब तक बाल पुनः न आ जाये बाल आ जाने पर इसी प्रक्रिया को दोहराएं 

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सहयोग राशि :

Rs. 1000/bottle

मात्रा: 100ML  

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6. गंजनाशक तेल
तेल बनानेकी विधि : अलसी तेल 20ml करंज तेल 10ml निम्ब तेल 10ml एरण्ड तेल 10ml कलौंजी तेल 20ml जमालगोटा तेल 20ml रक्तगुंजा तेल 10ml इन्द्रायण तेल इन सभी तेल को अच्छे से मिलाकर कांच की बोतल में रख ले | जो तेल न मिले उसके बिना भी बना ले बालो के जड़ मे व गंजस्थान पर मालिस करे 15-20 मिनिट तक सप्ताहमे 3 से 4 बार यह तेल बताई गई विधि अनुसार डाले जहा तक हो इसे बालो मे लगा रहने दे इससे बालों का झड़ना,गंजापन,पतले कमजोर व सफेद होना नस्ट होगा नियमितता से नियमित उपयोग करने से।

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सहयोग राशि :

Rs. 250/bottle

मात्रा: 30ML  

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7. चर्मनाशक तेल
तेल बनानेकी विधि : नीम का तेल, करंज का तेल और अरण्डी का तेल सामान मात्रा में मिलाकर रख लें. चर्मनाशक तेल तैयार है.

 

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